BJP नेता : अनर्गल और हिंसक बयानबाज़ी
कुछेक भाजपा नेताओं और मंत्रियों की अनर्गल और हिंसक बयानबाज़ी के मद्देनज़र लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जीवन की सुरक्षा के लिए चिंतित होकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी ने प्रधानमंत्री जी को एक पत्र लिखा।
प्रधानमंत्री जी की आस्था अगर लोकतांत्रिक मूल्यों, बराबरी के संवाद और बुज़ुर्गों के सम्मान में होती तो इस पत्र का जवाब वह ख़ुद देते। इसकी बजाय उन्होंने नड्डा जी की ओर से एक हीनतर और आक्रामक किस्म का जवाब लिखवा कर भिजवा दिया।
बयासी बरस के एक वरिष्ठ जननेता का निरादर करने की आख़िर क्या ज़रूरत थी?
लोकतंत्र की परंपरा और संस्कृति, प्रश्न पूछने और संवाद करने की होती है। धर्म में भी गरिमा और शिष्टाचार जैसे मूल्यों से ऊपर कोई नहीं होता।
आज की राजनीति में बहुत ज़हर घुल चुका है, प्रधानमंत्री जी को अपने पद की गरिमा रखते हुए, सचमुच एक अलग मिसाल रखनी चाहिए थी। अपने एक वरिष्ठ सहकर्मी राजनेता के पत्र का आदरपूर्वक जवाब दे देते तो जनता की नज़र में उन्हीं की छवि और गरिमा बढ़ती।
यह अफ़सोस की बात है कि सरकार के ऊँचे से ऊँचे पदों पर आसीन हमारे नेताओं ने इन महान परंपराओं को नकार दिया है।
जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रियंका वाड्रा जी से क्या कहा ?
प्रियंका वाड्रा जी, सुना है कि आप प्रतिदिन सुबह बाइबल का 1 घंटे पाठ करती हैं | करना भी चाहिए अपना अपना धर्म पालन करने का भारत में सबको अधिकार है |
लेकिन आपके बाइबल में यह भी लिखा है कि झूठ बोलना इस धरती का सबसे बड़ा पाप होता है| जेपी नड्डा जी ने मल्लिकार्जुन जी को श्री और आदरणीय लिखा है|
और जब एक सड़क छाप लुक्का गुंडा इमरान मसूद जब मोदी जी को बोटी बोटी काटने की बात किया तब आप, आपकी माताजी और आपके भाई राहुल गांधी उस गुंडे इमरान मसूद से इतना खुश हो गए कि उसे टिकट देकर सांसद बना दिया |
तब आपने क्यों नहीं कहा कि मोदी जी को बोटी बोटी काटने की बात करना गलत है हम इसके खिलाफ है|
और खुद आपके भाई ने कई बार कहा है कि मोदी को युवा डंडे मारेंगे दौड़ा लेंगे पीटेंगे तब आपको इसमें गलत क्यों नहीं लगा ?
अंत में मेरा एकमात्र सवाल कि आखिर आप लोग अपने गंदे बदबूदार और कीड़ों बजबजाते गिरेबान को क्यों नहीं देखते ??